20 Nov 2007

ये मेरा दीवानापन है या मुहब्बत का सुरूर...............

मेरा पोडकास्ट देख कर मेरी मम्मी ने कहा कभी मेरी पसंद के भी कुछ गीत सुनाना तो मैंने सोचा पहले मम्मी कि पसंद से ही शुरू करते है आज आप को अपनी मम्मी कि पसंद के कुछ गाने सुनवाती हूँ । सच कहूं तो मम्मी का तो नाम है पर ये गाने मुझे भी बहुत पसंद है आप भी सुनिए ..........
ये मेरा दीवानापन है या मुहब्बत का सुरूर...............
पहला गीत फिल्म यहूदी से है मुकेश जी का गया हुआ ये गीत आप को भी अवश्य पसंद आएगा ।









धड़कते दिल कि तमन्ना हो मेरा प्यार हो तुम मुझे करार नहीं जब से बेकरार हो तुम .............

शमा फिल्म के लिए सुरैया जी का गया और उन्हीं पर फिल्माया गया ये गीत बहुत ही मधुर है सुनिए तो जरा ...









फिर न कीजिये मेरी गुस्ताख निगाही का गिला . देखिए आपने फिर प्यार से देखा मुझको ...........

लता जी और मुकेश जी कि आवाज़ से सजा ये गीत सन् 1958 में बनी फिल्म फिर सुबह होगी से है मुझे लगता है इस गीत को सुनकर कोई भी गुनगुनाने से खुद को नहीं रूक सकता है









महताब तेरा चेहरा....................
मुकेश जी का गया ये गीत एक बार सुनिए फिर देखिये बार बार सुनने और गुनगुनाने का दिल करेगा










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