कल सुबह - सुबह ही कोरिअर से एक ख़त मिला देख कर दिल खिल उठा । मेरी बचपन कि सहेली का ख़त था कई सालों से उस से सम्पर्क टूट सा गया था। दोनो कि ही शादी अलग अलग शहरों में होने से अपना शहर छूट ही गया. जब में वहां जाती टू वो वहां न होती और जब वो वहां होती तो में नहीं. धीरे-धीरे अपनी - अपनी गृहस्थी के चक्कर में सम्पर्क-सूत्र टूटते चले गए . पर आज उस का पत्र पा कर दिल के तार झनझना उठे. ईमेल , मोबाइल और sms के ज़माने में पत्र पा कर सुखद आश्चर्य भी हुआ. दिन में कई बार उसका पत्र पढ़ा पर हर बार कुछ अलग ही अहसास हुआ. उसकी चिठ्ठी पढ़ कर चिठ्ठी, मोबाइल और sms में फर्क समझ में आया चिठ्ठी में लिखने वाला अपनी सारी भवनाये, अपने सारे अहसासों के साथ किसी को चिठ्ठी लिखता है उसमें उसके हाथों की महक बसी होती है और उन्हें सहेज कर बरसों रखा जाता है जो उसके होने पर या न होने पर भी उसे हमारे बहुत करीब ले आता है . इसका एक और फायदा है पत्र या चिठ्ठी इस बात का पक्का सबूत है की उसे हमारे उसी पाने ने लिखा है जिसने उसे हमें भेजा है पर ईमेल और sms के साथ ऐसा नहीं है. हमारी फिल्मों में भी चिठ्ठी को आधार मन कर कई गीत लिखे गए है जो बहुत ही खूबसूरत है और दिल में कहीं बहुत गहरे उतर जाते है तो आज सुनते है खतों / चिठ्ठिओं पर आधारित कुछ खूबसूरत गीत और अपने किसी अपने को एक प्यार भरी चिठ्ठी भी लिखते है .......
चिठ्ठी आयी है ..........
चिठ्ठी की बात चले और इस गीत का ज़िक्र न हो ये तो हो ही नहीं सकता है. पंकज उधास का गया ये हर उस दिल की दास्ताँ है जो रोजी- रोटी की तलाश में या किसी और वजह से घर से दूर है और अपने घर वालों के साथ को, उनके पास पहुचने को तड़पता है पर बेबसी के मारे वहां तक पहुँच नहीं सकता है
चिठ्ठिये नीं ........
लता जी का गया फिल्म हिना का ये गीत प्रेमिका के दिल कि दास्ताँ है जो अपने प्रेमी तक पहुंच नही पाती है तो चिठ्ठी को अपने दिल की बातें बताते हुए अपना संदेश अपने प्रीतम तक जल्द से जल्द पहुँचने को कहती है मुझे तो ये गीत बहुत पसंद है और आपको ..
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में ...
मुकेश जी व लता जी का गया ये गीत खतों के साथ फूलों के आदान प्रदान के साथ प्रेमी दिलों को भावनाओं को भी बड़ी खूबसूरती से बयां करता है .....
लिखे जो ख़त तुम्हें....
रफी जी का गया ये गीत फ़िल्म ब्लेकमेल से है प्रेमिका से जुदाई के समय उसको लिखे ख़त फूल, सितारे, नज़ारे और न जाने क्या-क्या बन जाते है आप भी सुनिए.
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चिठ्ठी आयी है ..........
चिठ्ठी की बात चले और इस गीत का ज़िक्र न हो ये तो हो ही नहीं सकता है. पंकज उधास का गया ये हर उस दिल की दास्ताँ है जो रोजी- रोटी की तलाश में या किसी और वजह से घर से दूर है और अपने घर वालों के साथ को, उनके पास पहुचने को तड़पता है पर बेबसी के मारे वहां तक पहुँच नहीं सकता है
चिठ्ठिये नीं ........
लता जी का गया फिल्म हिना का ये गीत प्रेमिका के दिल कि दास्ताँ है जो अपने प्रेमी तक पहुंच नही पाती है तो चिठ्ठी को अपने दिल की बातें बताते हुए अपना संदेश अपने प्रीतम तक जल्द से जल्द पहुँचने को कहती है मुझे तो ये गीत बहुत पसंद है और आपको ..
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में ...
मुकेश जी व लता जी का गया ये गीत खतों के साथ फूलों के आदान प्रदान के साथ प्रेमी दिलों को भावनाओं को भी बड़ी खूबसूरती से बयां करता है .....
लिखे जो ख़त तुम्हें....
रफी जी का गया ये गीत फ़िल्म ब्लेकमेल से है प्रेमिका से जुदाई के समय उसको लिखे ख़त फूल, सितारे, नज़ारे और न जाने क्या-क्या बन जाते है आप भी सुनिए.
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