3 Dec 2007

चिठ्ठी आयी है ..........

कल सुबह - सुबह ही कोरिअर से एक ख़त मिला देख कर दिल खिल उठा । मेरी बचपन कि सहेली का ख़त था कई सालों से उस से सम्पर्क टूट सा गया था। दोनो कि ही शादी अलग अलग शहरों में होने से अपना शहर छूट ही गया. जब में वहां जाती टू वो वहां न होती और जब वो वहां होती तो में नहीं. धीरे-धीरे अपनी - अपनी गृहस्थी के चक्कर में सम्पर्क-सूत्र टूटते चले गए . पर आज उस का पत्र पा कर दिल के तार झनझना उठे. ईमेल , मोबाइल और sms के ज़माने में पत्र पा कर सुखद आश्चर्य भी हुआ. दिन में कई बार उसका पत्र पढ़ा पर हर बार कुछ अलग ही अहसास हुआ. उसकी चिठ्ठी पढ़ कर चिठ्ठी, मोबाइल और sms में फर्क समझ में आया चिठ्ठी में लिखने वाला अपनी सारी भवनाये, अपने सारे अहसासों के साथ किसी को चिठ्ठी लिखता है उसमें उसके हाथों की महक बसी होती है और उन्हें सहेज कर बरसों रखा जाता है जो उसके होने पर या न होने पर भी उसे हमारे बहुत करीब ले आता है . इसका एक और फायदा है पत्र या चिठ्ठी इस बात का पक्का सबूत है की उसे हमारे उसी पाने ने लिखा है जिसने उसे हमें भेजा है पर ईमेल और sms के साथ ऐसा नहीं है. हमारी फिल्मों में भी चिठ्ठी को आधार मन कर कई गीत लिखे गए है जो बहुत ही खूबसूरत है और दिल में कहीं बहुत गहरे उतर जाते है तो आज सुनते है खतों / चिठ्ठिओं पर आधारित कुछ खूबसूरत गीत और अपने किसी अपने को एक प्यार भरी चिठ्ठी भी लिखते है .......
चिठ्ठी आयी है ..........
चिठ्ठी की बात चले और इस गीत का ज़िक्र न हो ये तो हो ही नहीं सकता है. पंकज उधास का गया ये हर उस दिल की दास्ताँ है जो रोजी- रोटी की तलाश में या किसी और वजह से घर से दूर है और अपने घर वालों के साथ को, उनके पास पहुचने को तड़पता है पर बेबसी के मारे वहां तक पहुँच नहीं सकता है









चिठ्ठिये नीं ........

लता जी का गया फिल्म हिना का ये गीत प्रेमिका के दिल कि दास्ताँ है जो अपने प्रेमी तक पहुंच नही पाती है तो चिठ्ठी को अपने दिल की बातें बताते हुए अपना संदेश अपने प्रीतम तक जल्द से जल्द पहुँचने को कहती है मुझे तो ये गीत बहुत पसंद है और आपको ..









फूल तुम्हें भेजा है ख़त में ...

मुकेश जी व लता जी का गया ये गीत खतों के साथ फूलों के आदान प्रदान के साथ प्रेमी दिलों को भावनाओं को भी बड़ी खूबसूरती से बयां करता है .....









लिखे जो ख़त तुम्हें....
रफी जी का गया ये गीत फ़िल्म ब्लेकमेल से है प्रेमिका से जुदाई के समय उसको लिखे ख़त फूल, सितारे, नज़ारे और न जाने क्या-क्या बन जाते है आप भी सुनिए.









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20 Nov 2007

ये मेरा दीवानापन है या मुहब्बत का सुरूर...............

मेरा पोडकास्ट देख कर मेरी मम्मी ने कहा कभी मेरी पसंद के भी कुछ गीत सुनाना तो मैंने सोचा पहले मम्मी कि पसंद से ही शुरू करते है आज आप को अपनी मम्मी कि पसंद के कुछ गाने सुनवाती हूँ । सच कहूं तो मम्मी का तो नाम है पर ये गाने मुझे भी बहुत पसंद है आप भी सुनिए ..........
ये मेरा दीवानापन है या मुहब्बत का सुरूर...............
पहला गीत फिल्म यहूदी से है मुकेश जी का गया हुआ ये गीत आप को भी अवश्य पसंद आएगा ।









धड़कते दिल कि तमन्ना हो मेरा प्यार हो तुम मुझे करार नहीं जब से बेकरार हो तुम .............

शमा फिल्म के लिए सुरैया जी का गया और उन्हीं पर फिल्माया गया ये गीत बहुत ही मधुर है सुनिए तो जरा ...









फिर न कीजिये मेरी गुस्ताख निगाही का गिला . देखिए आपने फिर प्यार से देखा मुझको ...........

लता जी और मुकेश जी कि आवाज़ से सजा ये गीत सन् 1958 में बनी फिल्म फिर सुबह होगी से है मुझे लगता है इस गीत को सुनकर कोई भी गुनगुनाने से खुद को नहीं रूक सकता है









महताब तेरा चेहरा....................
मुकेश जी का गया ये गीत एक बार सुनिए फिर देखिये बार बार सुनने और गुनगुनाने का दिल करेगा










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9 Nov 2007

मुस्कुराइए ... आज दिवाली है

आख़िर दिवाली आ ही गई । आप सब को दिवाली कि ढेर सारी शुभ-कामनाएं । कई दिनों से बेसब्री से दिवाली का इंतजार हो रहा था पता है क्यों । आप को दिवाली कि शुभ-कामनाएं जो देनी थी और एक उपहार भी तो देना था । माना कि हमारी जान -पहचान अभी नयी-नयी है पर हमारा साथ तो बहुत लम्बा चलने वाला है और दिवाली तो मौका है मेल - मिलाप का । तो तैयार हैं .......... अपना गिफ्ट देखने के लिए _______


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ज़रा सब्र रखिये


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अच्छा अब । अब बताइए क्या खरीदेंगे आप ................



मुझे बताइये गा जरूर अब आप अपनी खरीदारी शुरू कीजिए । जरा जल्दी कीजिए

एक मजेदार बात आप को बताते है हम ने अब अबतक सुना था कि स्वर्ग में बड़ी ही सुन्दर-सुन्दर चीजें होती है । वहाँ खूबसूरत अप्सराएँ आप को बांधों अच्छा का रहती है और आप कि जो भी ब्तागा हो उसे पलक झपकते ही पूरा कर देतीं है और नरक में हर तरफ गंदगी होती है लोगों तो तरह तरह कि यातनाएं दी जाती है पर बदलते हुए ज़माने के साथ-साथ स्वर्ग और नरक के बारे में हमारी मान्यताएँ भी शायद बदल रही है आज के संदर्भ में स्वर्ग और नरक में अन्तर निम्नलिखित है.............


स्वर्ग :-
१ अमेरिकन सेलरी ( American salary)
२ ब्रिटिश घर (British Home)
३ चायनीज खाना (Chinese Food)
४ भारतीये पत्नी (indian Wife)

नरक :-
अमेरिकन पत्नी (American Wife)
ब्रिटिश खाना (Brithish Food)
चायनीज घर (Chinese Home)
इंडियन सेलरी ( Indian Salary)
और अब में आप को आपनी एक दोस्त के बारे में बताती हूँ . वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है वो मुझसे आपके बआरे में पूछ रही थी . मैंने उसे आपका पता दे दिया है आती ही होगी. उसका नाम है - मुस्कराहट . देखो शायद आ गयी ।

दीवाली की बहुत - बहुत शुभकामनाएं



7 Nov 2007

धनोत्सव - धनतेरस






आज धनतेरस है आज से ही दीपों का पर्व दिवाली आरंभ हो जाता है। धनतेरस एक तरह से धन का उत्सव ही तो है। आज के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है और ये मान्यता है कि सोना-चांदी खरीदने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। आज के दिन घर में नए बरतन भी लाने कि परंपरा है


आज के दिन महर्षि ध्वन्तरी जी कि उपासना कि जाती है । मान्यता ये है कि जब देवताओं और दानवों का युद्ध चल रहा था तो समुद्र मंथन के समय वैध गुरु महर्षि धवन्तरी अमृत कलश ले कर उत्पन्न हुए थे तभी से उन्हें देवों के वैध का दर्जा प्राप्त है और ये मन जाता है की वे पूरी सृष्टि को निरोगी रखते है. ये मन भी जाता है कि


पहला सुख निरोगी काया

दूजा सुख घर में माया ।


6 Nov 2007

आइये ई - शॉपिंग करते है............

त्योंहारों के इस मौसम में खरीदारी आमतौर पर अन्य दिनों कि अपेक्षा ज्यादा खरीदारी होती है । इस बार तो ई -शॉपिंग यानी आन-लाइन खरीदारी भी अपने पूरे जोर पर है ।

आज कल ई-शॉपिंग व ई-कॉमर्स का जमाना है और लगता है आने वाले समय में इस क्षेत्र में और वृद्धि होगी।

जिस तरह यूरोप-अमेरिका में क्रिसमस के समय खरीदारी करने का सबसे बड़ा मौका होता है उसी तरह भारतीयों और भारत के बाहर बसे भारतीयों के लिए खरीदारी का सबसे बड़ा अवसर दिवाली का होता है। हर छोटा - बड़ा, अमीर-गरीब अपनी-अपनी जरूरतों व हैसियत के अनुसार कुछ न कुछ जरूर खरीदता है।

एसोचेम के एक अनुमान के मुताबिक पिछले वर्ष कि अपेछा इस वर्ष ई-शॉपिंग के छेत्र में १३०% कि वृद्धि का अनुमान है पिछले वर्ष ये आंकडा २५० करोड़ रुपये था जबकि इस बार ये माना जा रह है कि ये आंकडा ५७५ करोड़ तक पहुंचेगा।

एसोचेम के अध्यछ श्री वेणुगोपाल एन धूत के अनुसार एक रोचक तथ्य सामने आया है की आन-लाईन खरीदारी करने में गुजराती लोग सबसे ऊपर है उसके बाद सिन्धी, पंजाबी व मराठी लोगों का नम्बर आता है. दक्षिण भारतीये व हिमालय के लोगो में इस क्षेत्र में ज्यादा उत्साह नहीं देखा गया है.

यह आंकडे सिर्फ विदेशों में बसे भारतीयों के ही नहीं है बल्कि आम भारतीय भी बाजारों व मॉल्स की भीड़ - भाड़ से बचने के लिए आन लाइन शॉपिंग करना पसंद करने लगे है।

आन लाइन शॉपिंग करते समय यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आन लाइन शॉपिंग, शॉपिंग का सुरक्षित व आसान विकल्प है -

  • अपनी खरीदारी का हमेशा रेकॉर्ड रखें. आइटम का नाम, तारीख, मात्र व मूल्य का विवरण नोट करके रखें.
  • कंपनी का नाम, पता, टेलीफोन नम्बर आदि की जानकारी ले लें । बेहतर हो की वहां फोन कर के देख लें.
  • जहाँ तक हो सके क्रेडिट कार्ड से ही भुगतान करें क्योंकि हो सकता है की डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर आपको अपनी जमा-पूंजी से ही हाथ न धोना पड़े.
  • वेब साईट पर उपस्थित सिक्यूरिटी चिन्ह को अनदेखा न करें । सभी अच्छी साईट पर सिक्यूरिटी चिन्ह , पासवर्ड आदि जरूर होते है.
  • सस्ते के चक्कर में न रहें यदि सामान ज्यादा सस्ता लगे तो उस की जांच जरूर कर लें।
  • कम्पनी की शर्तों (Terms & Conditions) को ध्यान पूर्वक पढ़ें । सभी अच्छी कम्पनिया अपनी वेब साईट पर ही अपनी सभी शर्तों व नियमों को विस्तार पूर्वक लिखती है.

  • पासवर्ड देते समय ध्यान दें की पासवर्ड अल्फा नुमेरिक (alphanumeric) हो तथा कम से कम 8 अंकों का हो क्योकि ये सबसे सुरक्षित पासवर्ड मन जाता है।
  • सिर्फ उतनी ही जानकारी दें जितनी मांगी गई है । ज्यादा जानकारी देने से बचें .
  • रेगुलर बैंक स्टेटमेंट निकलवाएँ और अपने बैंक के खाते पर नजर रखें।
  • अगर कभी अपना पुराना कंप्युटर बेंचे तो उसे format करके बेंचे।





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2 Nov 2007

Six packs and KING

today king khan is celebrating his 42nd birthday. look what his six pack has given him.

I'm sure his influence on his fans will made them to follow him and get SIX packs.

I feel the king khan is helping SWAMI RAMDEV JI's vision of making Indians health wise wealthy.

long live Shahrukh and LONG LIVE INDA.

बादशाह को जन्मदिन की बधाई ................


बॉलीवुड के बेताज बादशाह शाहरुख खान को उनके ४२ वें जन्मदिन पर बहुत-बहुत बधाई हो । चाहती तो थी की शाहरुख के जन्मदिन पर अपने पहले पोडकास्ट के द्वारा आप को शाहरुख की फिल्मों के कुछ बहतरीन गीत सुनवाती पर मेरी ये कोशिश कामयाब नही हो पाई । शायद कुछ कमी रह गयी या शायद में टाईम कम दे पाई ।

खैर कोई बातें नही जबतक कामयाब नही हो जाती कोशिश जारी रहेगी और आप और मैं मिलकर कुछ अच्छे गाने सुनेंगे।
अगर आप लोगों में से कोई मेरी मदद कर सकते हो तो जरूर करे और मुझे पोडकास्ट करने का कोई आसान तरीका भी बताने कि कृपा करें ।











1 Nov 2007

तुम जियो हजारों साल ..............

सौन्दर्य की महारानी विश्व सुन्दरी ऐश्वार्य राय का आज जन्मदिन है . हजारों दिलों की माल्लिका ऐश ने सिर्फ २१ साल की छोटी सी उम्र में विश्व सुन्दरी का ताज पहना उसके बाद तो उनकी सफलता कि कहानी अंतहीन है । एक के बाद एक सफलता हासिल करते हुए वो फिल्म जगत का नम्बर वन सितारा बन गयी ।

उनका ये जन्मदिन तो उनके लिए और भी खास है क्योंकि बच्चन परिवार कि बहू के रुप में ये उनका पहला जन्मदिन है ।

विश्व कि सबसे सुन्दर और कामयाब महिला को जन्मदिन बहुत - बहुत मुबारक हो ।
यही दुआ है कि .............
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हों पचास हजार ।

22 Oct 2007

रंगों की एक कविता.........


कल एक कला प्रदर्शनी में जाने का मौका मिला । वहां जा कर मन प्रसन्न हो गया ऐसा लगा कि किसी ने रंगों से कविता लिखी हो। कलाकारों ने बडे ही खूबसूरत अंदाज़ में अपनी कला का प्रदर्शन किया था। खास बात ये थी कि ये सभी कलाकार भारतीय नही थे । ब्रिटिश कलाकारों द्वारा बनाईं गई इन पेंटिंगों में भारतीय जीवन व बड़ा ही सजीव चित्रण था।
नॉएडा की सुरुचि आर्ट गैलरी में एक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। इसमें ब्रिटिश कलाकार जेम्स होरतन (Jems Horton), ग्राहम क्लार्क (Graham Clark) व निक टीदनम (Nick Tidnam) कि कला कृतियाँ प्रदर्शित कि गयी।
निक टीदनम (Nick Tidnam) ने अपनी कला कलाकृतियों में भारतीय लोगों के रोजमर्रा के जीवन और पर्यावरण को कैनवास पर उतारा । सुबह-सवेरे घाट पर स्नान के लिए जाती महिलाओं की कलाकृति में रंगों का मिश्रण देखने लायक है. इनकी पेंटिंग्स में प्रकृति का बड़ा ही सजीव और सुंदर चित्रण था.
जेम्स होरतन (Jems Horton) की कला- कलाकृतियों में राजपूताना संस्कृति विशेष रूप से मुग़ल काल की झलक देखने को मिली . इनकी कुछ पेंटिंग्स में ग्रामीण जीवन का भी बड़ा ही ख़ूबसूरत चित्रण देखने को मिला।

ग्राहम क्लार्क (Graham Clark) की पेंटिंग्स में पुराने समय की पाश्चात्य संस्कृति की झलक देखने को मिली ।


ब्रिटिश कलाकारों द्वारा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को तैल व पानी के रंगो द्वारा कैनवास पर उकेरा जाना देखकर मन खुशी और आनंद से झूम उठा.


17 Oct 2007

ये कहां जा रहे है हम ................

अभी कुछ ही दिनों पहले अख़बार मे छपी एक खबर पढ़कर दिल दहल उठा। रोंगटे खडे कर देने वाली खबर थी । उत्तर प्रदेश के बागपत शहर के एक स्थानीय नर्सिंग होम मे माया नाम कि एक युवती को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया जहाँ पर वहां के डाक्टर राकेश व उनकी पत्नी डाक्टर शालिनी विद्यार्थी ने युवती के परिजनों से एडवांस में ३५ हज़ार रुपये जमा करवाने को कहा गया। इस पर उसके परिजनों ने २५ हज़ार रुपये जमा करवा दिए और शेष १० हज़ार रुपये तुरंत जमा करवाने मे असमर्थता जताते हुए प्रसव के बाद जमा करवाने को कहा। पर इसी बीच प्रसव के दौरान डॉक्टर शालिनी ने क्रोधवश नवजात शिशु के हाथ और गर्दन काट दिए और कटे हुए अंगों को प्रसूता के बिस्तर के नीचे छिपा दिया व प्रसूता और नवजात बच्चे को लाइलाज बताते हुए दिल्ली ले जाने को कहा. युवती के परिजनों और अन्य लोगों को जब डॉक्टर की करतूत का पता चला तो उन्होंने अस्पताल में खूब हंगामा किया ओर अस्पताल को आग लगा दी. इस सारी भगदड़ ओर मे कई अन्य लोग भी गम्भीर रूप से घायल हो गए. उन्होंने अस्पताल में खूब हंगामा किया ओर अस्पताल को आग लगा दी. इस सारी भगदड़ ओर आपाधापी मे कई अन्य लोग भी गम्भीर रूप से घायल हो गए.
अब सवाल ये उठता है के ये हम कहाँ जा रहे है. क्या हमारी संवेदनए सचमुच मर चुकी हैं अधिक से अधिक धन कमाने की चाह मे भौतिक चीजों के पीछे भागते - भागते हम इतने दूर निकल आए है के मानवता, नैतिक मुल्य, प्यार, दया, अपनापन, सहनशीलता अदि भावनाएँ और शब्द अपना अर्थ को चुके है और अधिक से अधिक धन कमाना ही हमारा लक्ष्य बन गया है चाहे वह किसी भी कीमत पर प्राप्त किया जाए पर धन तो आना ही चाहिए. जरा - जरा सी बात पर इस कदर क्रोधित हो जाते है की पल मे ही हमारा विवेक नष्ट हो जाता है और हम वो कर बैठते है जिससे कभी - कभी मानवता भी शर्मसार हो जाती है.

अगर इसी तरह चलता रहा तो कहीँ ऐसा न हो की विज्ञान ओर तकनीक के क्षेत्र मैं हम आसमान की बुलंदियों पर पहुँच जायें ओर इंसानियत और मानवता मैं हम पाषाण युग मैं पहुँच जाए और जानवरों से भी आगे निकल जायें .

(ख़बर सन्दर्भ - राष्ट्रीय सहारा और दैनिक जागरण)

16 Oct 2007

आप का स्वागत है


मेरे पहले ब्लॉग मे आप सभी का स्वागत है. अगर कुछ ठीक लगे तो बताइएगा और अगर कुछ अच्छा न लगे तो जरूर बतआइयेगा. आप के सुझावों का स्वागत है.

आशा है हम सब मिल कर खूब मस्ती और धमाल करेंगे और कुछ सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी बातें करेंगे.